Thursday, December 30, 2010

अनमोल अहसास


पाकर उसको अपनी बाँहों में,

ऐसा लगा मेरा सपना पूरा हुआ,

वही सपना जो मेरी माँ ने मेरे लिए बुना था,

उसको सहेज कर अपनी गोद में,

ऐसा लगा मेरी धरोहर पूरी हुई,

जो विरासत हर स्त्री संजोती है ,

कितना अनोखा है ये अहसास,

कितना सुखद है ये पल,

जब आँखों से ममता बरसती है,

पूरी ज़िन्दगी उस पल बदलती है,

ये वो सबसे बड़ा चमत्कार है जब,

हमारे सामने हमारा ही एक रूप जन्मता है,

कितना सुन्दर लगता है अपने बचपन को फिर से जीना,

अपने बच्चे के साथ बच्चा बनाना,

बड़ा सुन्दर लगता है अपनी छवि अपनी बाँहों में देखना......