Friday, April 23, 2010

हमारी किस्मत में प्यार कहाँ!!!!!


बेटी बनकर आई हूँ मैं माँबाप के जीवन में

बसेरा होगा कल मेरा किसी और के आँगन में ,

क्यों ये रीत खुदा ने बनाई होगी,


कहते है आज नही तो कल बेटी तू पराई होगी,


देकर जनम पाल पोसकर जिसने हमे बड़ा किया ,


और एक वक़्त उन्ही हाथों ने हमे विदा किया ,


एक पल को नही सोचते अरे ! हमने ये क्या किया ,


टूट के बिखर जाती है हमारी ज़िन्दगी वहीँ ,


फिर भी उस बंधन में प्यार मिले ये ज़रूरी तो नही ,


क्यूँ ये रिश्ता हम बेटियों का अजीब होता है ,


क्या बस यही हम बेटियों का नसीब होता है !!!!!!!!!!!!!



10 comments:

  1. "क्यूँ ये रिश्ता हम बेटियों का अजीब होता है ,
    क्या बस यही हम बेटियों का नसीब होता है !!!!!!!!!!!!!"
    जमाना बदल रहा है - बेटियां अनमोल हैं

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  2. घुटनों के बल चलती रहना ,खड़ी ना तुम हो जाना बेटी !!!! छोटी सी ही बनी रहना, जल्दी बड़ी न तुम हो जाना बेटी !!!

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  3. अजी किसने कह दिया की शादी के बाद बेटिया पराई हो जाती है शादी के बाद पराये तो बेटे होते है,बेटियां तो आती जाती रहती है. हर रिश्ता निभाती है.उमीद नही कोई बेटे से बस रह रह कर बेटी ही याद आती है,,
    हे माँ जन्म ले लेने दे ,
    फिर चाह्ये तो कोई भी काम करवा लेना,.
    खाना एक समय का कम दे देना ,
    मैं सह लुंगी पर हे माँ
    मुझे कोख में ही ना मरवा देना ,,,,,,,,,,,,,,c my blogs ,कन्या दान महादान [एक अजन्मी बच्ची ]

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  4. क्यूँ ये रिश्ता हम बेटियों का अजीब होता है ,


    क्या बस यही हम बेटियों का नसीब होता है
    nice

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  5. Hi..

    Duniya ki hai reet yahi..
    har beti ese nibhaati hai..
    Dil main dard, aankh main aansu..
    Dekar chali ye jaati hai...

    Sundar bhavabhivyakti..

    Deepak..

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  6. नमस्कार
    आप कैसी है मेरा नाम सुनील गुप्ता है और मैं यहाँ लखनऊ मैं ब्यूरो चीफ का काम एक लोकल समाचार पत्र और समाचार पत्रिका के लिए करता हु . जिसका नाम प्रेरणा सृजन है आप क्या करती है और आप कहा रहती है
    आपका ब्लॉग पड़ा खाफी अच्छा लगा बहुत सी बाते आपके बारे मैं जान ने को मिली और खाफी कुछ सीखने को भी मिला
    साथ ही साथ यह जानकर भी ख़ुशी की आप लखनऊ ब्लॉग समिति की सदस्य भी है मुझे यह बताये की अगर मुझे भी वह का सदस्य बनन हो तो क्या करना चैये क्या आप मेरी कुछ मदद कर सकती है उस विषय मैं .
    यह मेरा ब्लॉग है पढ़ लीजियेगा
    www.blogger.com/profile/०२६८३३५७०८१४४१०६२४२९

    धन्यवाद
    सुनील गुप्ता
    मोबाइल नंबर
    ०९३८९४३१६५३

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  7. khubsurat kah nahi sakta kyuki dard shabdon par tairta najar aa raha hai...kya kahu? sachmuch. ajeeb hain ye rishte aur ravaytein.

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  8. bahut acha likha hai apne..
    maa ki mamta na ho to snasar na ho

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